src="https://alwingulla.com/88/tag.min.js" data-zone="20313" async data-cfasync="false"> सिद्धार्थ बुद्ध केसे बने |

बौध धर्म के स्थापक गौतम बुद्ध थे| गौतम बुद्ध का जन्म इ.स पूर्व ५६३ उतर बिहार के कपिलवस्तु नगर के नजदीक नेपाल की तलेटी में आये वन लुम्बिनीवन में वैशाखी पूर्णिमा के दिन हुआ था|गौतम के पिता शुद्धोधन शाक्यजाती के राजा थे, उनकी दो पत्निया थी महामायादेवी और दूसरी प्रजापति गौतमी, गौतम के जन्म के थोडे दिन बाद ही महामाया की मृत्यु हो गई,उसके बाद गौतम की देखरेख प्रजापति गौतमी ने की|गौतम बुद्ध का बचपन का नाम सिद्धार्थ था|

पुत्र जन्म के थोड़े दीन बाद ही पिता सुध्धोधन ने सिद्धार्थ का भविष्य देखने के लिए ८ ब्राह्मण को बुलाया,उसमे से ७ ब्राह्मण ने कहा ये बड़ा होकर चक्रवती राजा बनेगा और संसार का त्याग करेगा तो जगतद्धारक बनेंगे| पर उसमे से एक कौन्दियान् नामक ब्राह्मण ने कहा ये निश्चित ही बुद्ध बनेंगा| सिद्धार्थ का चित संसार में रहे ऐसा उसके पिता चाहते थे| इसलिए सिद्धार्थ विवाह याशोधरा नामक कन्या के साथ कर दिया| उनसे उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई जिसका नाम राहुल रखा

सिद्धार्थ बुद्ध केसे बने

सिद्धार्थ का बचपन सुख वैभव में होने के बावजूद उसका मन संसार में लगता नही था| वो हमेशा बुढ़ापा,रोग,मृत्यु के बारे में ही सोचते रहते थे| पुत्र प्राप्ति के बाद सिद्धार्थ इस बारे में ज्यादा सोचने लगे, और एक दिन रात में मानवजात को इस संसार के दू:खोसे मुक्त करने के २९साल की उम्र में गृहत्याग कर चले गए| बौध धर्म में सिद्धार्थ के गृह त्याग के प्रसंग को महाभिनिस्क्रमण (महाप्रस्थान) कहा जाता हे|

सिद्धार्थ गृह त्याग करके आलारकलाम नाम के योगो के आश्रम में गए वहां आलरकलाम ने ध्यान की ७ मुद्रिका सिखाई ,वहा से वो रुद्रक राम पुत्र के आश्रम गए ओर वह ८ मुद्रा सीखी|उसके बाद रुद्रक के आश्रम से ५ शिष्य क लेकर वो सत्य की शोध में निकला गए| उसके बाद वो उरुवेला (बौधगया) पहोंच,वहा सिद्धार्थ ने निरंजना नदी के तट पर पीपल के पैड के निचे ध्यान में बैठ गए और वैशाखी पूर्णिमा के दिन ज्ञान की प्राप्ति हुई| और वो सिद्धार्थ से बुद्ध बन गए|बुद्ध ने अपना पहला उद्देश्य सारनाथ में दिया, यह उपदेश धर्मचक्र प्रवर्तक के नाम से जाना जाता हे|

इसके बाद ४५ साल तक नालंदा ,गया,वैशाली,कौसम्बी,चंपा इत्यादि जगह पर गए| और बौध धर्म के अनुयायी की संख्या बढती गयी|अंत में बुद्ध अतीसार(डाएरिया ) नाम की बीमारी से पीड़ित हुए और कुशीनगर में परिनिर्वाण हुऐ |

सिद्धार्थ बुद्ध केसे बने
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