src="https://alwingulla.com/88/tag.min.js" data-zone="20313" async data-cfasync="false"> फिजी की संसद अब हिंदी में करेगी काम |

फिजी की संसद अब हिंदी में करेगी काम

फिजी के नंदी में बुधवार से 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन होने जा रहा है. फिजी की संसद अब हिंदी में करेगी काम ।अधिवेशन से पहले फिजी के उपप्रधानमंत्री बिमन चंद प्रसाद ने हिंदी को फिजी की संसद की एक भाषा के रूप में मान्यता देने की घोषणा कर हिंदी प्रेमियों का हौसला बढ़ाया है. अब किजी संसद में अंग्रेजी के साथ- साथ हिंदी भाषा भी बोली जा सकेगी।एसआई बुला यानी प्रणाम की थीम पर आयोजित सम्मेलन में भारतीय परंपरा के अनुसार स्वस्ति वाचन के साथ आगमन पर उनका स्वागत किया गया। फिर सारा माहौल भारतीय हो गया। यूं तो मुश्किल से नौ लाख की आबादी वाले फिजी में 36 से 37 फीसदी भारतीय हैं, जो आपको भारत से हजारों किलोमीटर दूर होने का एहसास कराता है। देश की महक यहां की मिट्टी से आती है। भारतीयों की तुलना में फिजी के लोग हिंदी परिषद को लेकर अधिक उत्साहित हैं।

इस सम्मेलन में भारत से शिक्षाविदों, लेखकों सहित 300 से अधिक प्रतिनिधि पहुंचे हैं। इसमें करीब 50 देशों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की राजभाषा के रूप में शामिल करने के लिए भारत की रणनीति पर भी ज्यादा चर्चा होगी। हिन्दी विश्व के 80 करोड़ से अधिक लोगों की भाषा है। बुधवार को विदेश में रहेंगे। मंत्री जयशंकर और फिजी के प्रधान मंत्री राष्ट्र के शहर के राबुका सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।

फिजी में हिंदी फिल्में और टीवी सीरियल बहुत लोकप्रिय हैं ।

फिजियन हिंदी भारत की मूल हिंदी से थोड़ी अलग है। जिसमें अवधी और भोजपुरी शब्द समान हैं। पिछली सरकार ने हिंदी के साथ- साथ स्थानीय भाषा इटोकी को आधिकारिक भाषाओं की सूची से हटा दिया। नई सरकार ने हिंडिन- पुराना सम्मान लौटाया है। जिले के स्कूलों और कॉलेजों में हिंदी पढ़ाई जाती है। अधिकांश हिंदी कार्यक्रम रेडियो और टीवी पर देखे जाते हैं। जैसे भारत में कई सिनेमा हॉल हैं जो केवल हिंदी फिल्में दिखाते हैं। 143 साल पहले 14 मई 1879 को भारतीय मजदूरों के एक जत्थे को फिजी ले जाया गया था.

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