src="https://alwingulla.com/88/tag.min.js" data-zone="20313" async data-cfasync="false"> ज्योतिर्लिंग की जानकारी |
ज्योतिर्लिग
  • सोमनाथ
  • नागेश्वर
  • भीमाशंकर
  • त्र्यम्बकेश्वर
  • घृष्णेश्वर
  • बैधनाथ
  • महाकालेश्वर
  • ओंकारेश्वर
  • काशी विश्वनाथ
  • केदारनाथ
  • रामेश्वरम
  • मलीकार्जुन

१ सोमनाथ

गुजरात के सौराष्ट्र में में गिर सोमानाथ जिल्ले में सोमनाथ मंदिर स्थित हे |सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को भारत के 12 ज्योतिर्लिंग का पहला ज्योतिर्लिंग कहा जाता हे|वर्तमान भवन के पुनर्निर्माण का आरम्भ भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात् लोहपुरुष सरदार वल्लभ भाई ने करवाया और पहली दिसम्बर 1955 को भारत के राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया।

२ नागेश्वर

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के देवभूमि द्वारका जिल्ले में स्थित हे|यह मंदिर गोमती नदी के घाट पर बना हे|

३ भीमा शंकर

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे जिल्ले में सह्याद्री नामक पर्वत पर स्थित हे|भीमशंकर महादेव काशीपुर में भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर और तीर्थ स्थान है। यहां का शिवलिंग काफी मोटा है जिसके कारण इन्हें मोटेश्वर महादेव भी कहा जाता है। पुराणों में भी इसका वर्णन मिलता है। आसाम में शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक भीमशंकर महादेव का मंदिर है। काशीपुर के मंदिर का उन्हीं का रूप बताया जाता है।

४ त्र्यम्बकेश्वर

त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नाशिक जिले में स्थित हे|त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग के नजदीक ब्रम्हागिरी नाम का पर्वत हे|इसी पर्वत से गोदावरी नदी की निकलती हे |मंदिर के अंदर एक छोटे से गढ्ढे में तीन छोटे-छोटे लिंग है, ब्रह्मा, विष्णु और शिव- इन तीनों देवों के प्रतीक माने जाते हैं। शिवपुराण के अनुसार ब्रम्हागिरी के ऊपर जाने के लिऐ चौड़ी-चौड़ी सात सौ सीडिया बनी हुई हैं। इन सीढ़ियों पर चढ़ने के बाद ‘रामकुण्ड’ और ‘लष्मणकुण्ड’ मिलते हैं और शिखर के ऊपर पहुंचने पर गोमुख से निकलती हुई भगवती गोदावरी के दर्शन होते हैं।

५ घृष्णेश्वर

महाराष्ट्र  में औरंगाबाद के नजदीक दोलताबाद  से 11 किलोमीटर दूर घृष्‍णेश्‍वर महादेव का मंदिर स्थित है। यह बारहज्योतिर्लिंगों  में से एक है। कुछ लोग इसे घृष्णेश्वर के नाम से भी पुकारते हैं। बौद्ध भिक्षुओं द्वारा निर्मित एलोरा की प्रसिद्ध गुफाएँ इस मंदिर के समीप ही स्थित हैं। इस मंदिर का निर्माण देवी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। शहर से दूर स्थित यह मंदिर सादगी से परिपूर्ण है। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है। इसे घुश्मेश्वर, घुसृणेश्वर या घृष्णेश्वर भी कहा जाता है। यह महाराष्ट्र प्रदेश में दोलताबाद से बारह मीर दूर वेरुलगाँव के पास स्थित है।

६ बैधनाथ

श्री वैद्यनाथ शिवलिंग का समस्त ज्योतिर्लिंगों की गणना में नौवाँ स्थान बताया गया है। भगवान श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का मन्दिर जिस स्थान पर अवस्थित है, उसे ‘वैद्यनाथधाम’ कहा जाता है। यह स्थान जारखंड प्रान्त, पूर्व में बिहार प्रान्त के संथाल परगना के दुमका नामक जनपद में पड़ता है।

७ महाकालेश्वर

भारत के हृदयस्थल मध्यप्रदेश के उज्जैन में पुण्यसलिला क्षिप्रा के निकट भगवान शिव महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के रूप में बिराजमान हैं। इसकी गणना देश के प्रसिद्ध द्वादश ज्योतिर्लिंगों में की जाती है। शिवपुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर योगेश्वर श्रीकृष्ण के पालक नंदबाबा की आठ पीढ़ी पूर्व का है। महाकालेश्वर को पृथ्वि का अधिपति भी माना जाता है।

८ ओंकारेश्वर

ॐकारेश्वर एक हिन्दू  मंदिर है। यह मध्यप्रदेश  के खंडवा  जिले में स्थित है। यह नर्मदा  नदी के बीच मन्धाता या शिवपुरी नामक द्वीप पर स्थित है। यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों  में से एक है , सदियों पहले भील जनजाति  ने इस जगह पर लोगो की बस्तियां बसाई और अब यह जगह अपनी भव्यता और इतिहास से प्रसिद्ध है। यहां के मोरटक्का गांव से लगभग (14 कि॰मी॰) दूर बसा है। यह द्वीप हिन्दू पवित्र चिन्ह  के आकार में बना है। यहां दो मंदिर स्थित है|

९ काशी विश्वनाथ

काशी विश्वनाथ मंदिर वारणसी में स्थित हे| द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख काशी विश्वनाथ मंदिर अनादिकाल से काशी में है। यह स्थान शिव और पार्वती का आदि स्थान है इसीलिए आदिलिंग के रूप में अविमुक्तेश्वर को ही प्रथम लिंग माना गया है। इसका उल्लेख महाभारत और उपनिषद में भी किया गया है। ईसा पूर्व 11वीं सदी में राजा हरीशचन्द्र ने जिस विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था उसका सम्राट विक्रमादित्य ने जीर्णोद्धार करवाया था। उसे ही 1194 में मुहम्मद गौरी ने लूटने के बाद तुड़वा दिया था।

 

१० केदारनाथ

ज्योतिर्लिंग की जानकारी

केदारनाथ मन्दिर उत्तराखंड  राज्य  में स्थित हिन्दुओं का प्रसिद्धधाम है। उत्तराखंड में हिमालय पर्वत की  गोद में केदारनाथ मन्दिर बारह ज्योतिर्लिंग   में सम्मिलित होने के साथ चार धाम  और पञ्च केदार
में से भी एक है। यहाँ की प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मंदिर  अप्रेल से नवम्बर  माह के मध्‍य ही दर्शन के लिए खुलता है। पत्‍थरों से बने कत्यूरी शैली से बने इस मन्दिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण पांडवो के कुल ने कराया था। यहाँ स्थित स्वयम्भू शिवलिंग अति प्राचीन है। आदि शंकराचार्य  ने इस मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाया।

११ रामेश्वर

ज्योतिर्लिंग की जानकारी

यह तमिलनाडु  के रामनाथपुरम में स्थित है। यह तीर्थ हिन्दुओ के चार धामों  में से एक है। इसके अलावा यहां स्थापित   बारह ज्योतिर्लिंगों  में से एक माना जाता है।[ भारत के उत्तर मे काशी  की जो मान्यता है, वह दक्षिण में रामेश्वरम् की है। रामेश्वरम चेन्नई  से लगभग सवा चार सौ मील दक्षिण-पूर्व में है। यह हिन्द महासागर और बंगाल की खाड़ी  से चारों ओर से घिरा हुआ एक सुंदर शंख आकार द्वीप  है।

१२ मलीकार्जुन

ज्योतिर्लिंग की जानकारी

आन्ध्रप्रदेश के कृष्णा ज़िले में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर श्रीमल्लिकार्जुन विराजमान हैं। इसे दक्षिण का कैलाश कहते हैं। अनेक धर्मग्रन्थों में इस स्थान की महिमा बतायी गई है। महाभारत के अनुसार श्रीशैल पर्वत पर भगवान शिव का पूजन करने से अश्वमेध यज्ञ करने का फल प्राप्त होता है। कुछ ग्रन्थों में तो यहाँ तक लिखा है कि श्रीशैल के शिखर के दर्शन मात्र करने से दर्शको के सभी प्रकार के कष्ट दूर भाग जाते हैं, उसे अनन्त सुखों की प्राप्ति होती है और आवागमन के चक्कर से मुक्त हो जाता है।

5 thoughts on “ज्योतिर्लिंग की जानकारी”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *